उत्तराखंड

‘ढाढस’ बंधा और ‘साहस’ बढ़ा रहा ‘मुख्यसेवक’ …

जोशीमठ । मुसीबत झेल रही जोशीमठ की जनता को जरूरत महसूस हुई और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दौड़े चले आए। धरातल पर उतरकर धामी प्रभावितों की समस्याओं को पूरी संवेदनशीलता और सहृदयता से सुलझाने में लगे हैं। परेशानी से घिरे परिवारों के बीच उन्होंने बुधवार की रात बिताई। प्रभावितों को हर संभव राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री ने बड़े अफसरों की टीम को एक टांग पर खड़ा कर रखा है। प्रत्येक परिवार के भोजन, रहने व अन्य सभी जरूरी व्यवस्थाओं का प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। लोग भी सीएम की सहजता और सरलता पर चर्चा करते दिखे।
पिछले पांच दिनों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जोशीमठ का यह दूसरा दौरा है। उन्हें मालूम है कि समस्या से घिरी जनता के साथ खड़ा रहना ही उनका सर्वोपरी राजधर्म है।

जोशीमठ रात्रि प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री कड़ाके की ठंड के बावजूद उस हर व्यक्ति से मिले जिनकी आंखों में आसूं है। जो जीवन भर की मेहनत से बनाए गए अपने घर से बिछड़ने का दंश झेल रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ के आपदा प्रभावितों को फौरी राहत पहुंचाने के लिए दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। पहला यह कि आपदा राहत के तक प्रत्येक परिवार को तत्कालिक रूप से ₹ 1.50 लाख की अंतरिम सहायता दी जाएगी। यह राशि सिर्फ तत्कालिक है, मुआवजा राशि जल्दी ही तय की जाएगी। इसमें किसी प्रकार का कोई कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए। साथ ही भूधंसाव से जो भी परिवार प्रभावित हुए हैं उनको मार्केट दर पर मुआवजा दिया जाएगा।

मार्केट की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय किया जाएगा। मुआवजा निर्धारण में स्थानीय लोगों की आजीविका और अन्य सभी हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। मुख्यमंत्री धामी की अगुवाई में पूरा सरकारी अमला प्रभावितों का दुख–दर्द बांटने में लगा है। धामी पीड़ितों का हाथ पकड़कर उन्हें ढाढस बंधा रहे हैं और कंधा से कंधा मिलाकर फिर से उठ खड़ा होने के लिए उनका साहस बढ़ा रहे हैं। साथ ही साथ इस गंभीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए मुख्यमंत्री धामी प्रधानमंत्री से भी निरंतर तालमेल बनाए हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *