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भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों पर संशय

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को कार्यकाल विस्तार मिले दो हफ्ते से ज्यादा हो गए लेकिन अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं है कि पार्टी संगठन में कोई बदलाव होने जा रहा है। उन्होंने अपनी टीम में किसी नए सदस्य को शामिल करने या किसी को हटाने का संकेत भी नहीं दिया है। इतना ही नहीं प्रदेश अध्यक्षों को लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं हुई है। केंद्रीय संगठन को लेकर तो वैसे भी ज्यादा उलटफेर की संभावना नहीं थी लेकिन कई प्रदेशों में बदलाव की चर्चा थी। लेकिन अब बदलाव की बजाय यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या नड्डा की तरह प्रदेश अध्यक्षों के कार्यकाल का भी अगले चुनाव तक विस्तार हो सकता है?

यह सवाल इसलिए है क्योंकि प्रदेशों में कार्यकारिणी की बैठक चल रही है और पुराने अध्यक्ष ही सब कुछ संभाल रहे हैं। बिहार में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक दरभंगा में हुई है, जिसमें पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर यह प्रस्ताव स्वीकार किया गया है कि भाजपा अब कभी भी नीतीश कुमार की पार्टी से तालमेल नहीं करेगी। इस बैठक में भी आधिकारिक रूप से संगठन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। पर इसमें शामिल हुए नेताओं के मुताबिक दबी जुबान में इस बात पर चर्चा होती रही कि क्या प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को भी कार्य विस्तार मिल सकता है? उनका कार्यकाल पूरा हो गया है और काफी समय से उनको बदले जाने की चर्चा है। लेकिन अब इसकी चर्चा थम गई है।

इसी तरह झारखंड में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक देवघर में हुई, जहां राज्य की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव और आगे के चुनावों पर चर्चा हुई। राज्य सरकार के खिलाफ अभियान चलाने के बारे में भी चर्चा हुई लेकिन संगठन को लेकर विचार नहीं हुआ। वहां भी यही खुसर फुसर रही कि क्या दीपक प्रकाश अध्यक्ष बने रहेंगे? उनका भी कार्यकाल समाप्त हो गया है। परंतु जेपी नड्डा के साथ उनकी नजदीकी को देखते हुए कहा जा रहा है कि उनको कार्य विस्तार मिल सकता है।

राजधानी दिल्ली में दिसंबर में हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा के हारने के बाद प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया था। उनकी जगह वीरेंद्र सचदेवा को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था। अब वे पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर काम करते दिख रहे हैं। वे अगले चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं। इस वजह से दिल्ली प्रदेश के जो नेता अध्यक्ष पद की होड़ में थे वे निराश हैं और पता लगाने की कोशिश में हैं कि वीरेंद्र सचदेवा को ही अध्यक्ष बनाया जाएगा या कोई नया अध्यक्ष नियुक्त होगा। राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया और मध्य प्रदेश के अध्यक्ष वीडी शर्मा को भी बदले जाने की चर्चा थी लेकिन अब कहा जा रहा है कि इन दोनों को भी अगले लोकसभा चुनाव तक विस्तार मिल सकता है। इन दोनों राज्यों में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। उधर कर्नाटक में भी प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतिल को मई में होने वाले विधानसभा चुनाव तक विस्तार मिलता दिख रहा है।

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