जी20 में बोले पीएम मोदी, उनके बारे में भी सोचना चाहिए, जो कमरे में नहीं हैं…
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक को दिल्ली में संबोधित किया है। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन युद्ध का जिक्र तो नहीं किया, लेकिन गांधी और बुद्ध की धरती से शांति का संदेश ले जाने की बात कही। वहीं जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक की शुरुआत करने से पहले तुर्की और सीरिया में हाल ही में आए भूकंपों में जान गंवाने वाले लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ताकतवर देशों के विदेश मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा, मैं जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत में आपका स्वागत करता हूं। मुझे उम्मीद है कि आज की आपकी बैठक आम और ठोस उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ आने की भावना को दर्शाएगी। सामान्य हित के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सभी को यह स्वीकार करना चाहिए कि बहुपक्षवाद आज संकट में है। वर्षों की प्रगति के बाद आज हम सतत विकास लक्ष्यों से ओर पीछे हटने के जोखिम में हैं। कई विकासशील देश अपने लोगों के लिए भोजन और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश करते हुए अस्थिर ऋण से जूझ रहे हैं। वित्तीय संकट, जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद और युद्धों के पिछले कुछ वर्षों के अनुभव से स्पष्ट है कि वैश्विक शासन अपने दोनों जनादेशों में विफल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सभी को अपने दृष्टिकोण रखने चाहिए कि इन तनावों को कैसे सुलझाया जाना चाहिए। हमें उनके बारे में भी सोचना चाहिए, जो कमरे में नहीं हैं। कोई भी समूह अपने निर्णयों से सर्वाधिक प्रभावित लोगों की बात सुने बिना वैश्विक नेतृत्व का दावा नहीं कर सकता। यह बैठक गहरे वैश्विक विभाजन के समय में हो रही है। विदेश मंत्रियों के रूप में ये स्वाभाविक है कि आपकी चर्चा भू-राजनीतिक तनावों से प्रभावित होगी। दुनिया विकास, आर्थिक लचीलापन, आपदा लचीलापन, वित्तीय स्थिरता, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, विकास की चुनौतियां को कम करने के लिए जी20 की ओर देख रही है। इन सभी में जी20 में आम सहमति बनाने और ठोस परिणाम देने की क्षमता है।