हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों व कॉलेजों में पढ़ने वाले 10 हजार मेधावी छात्रों को टेबलेट वितरित करेगी सुक्खू सरकार
हिमाचल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दसवीं और बारहवीं कक्षा तथा कॉलेजों में पढ़ने वाले दस हजार मेधावियों और प्राइमरी स्कूलों के 17,510 शिक्षकों को सुक्खू सरकार टेबलेट देगी। पूर्व की सरकारों के समय से मेधावियों को दिए जाने वाले लैपटॉप अब नहीं मिलेंगे। कांग्रेस सरकार ने मेधावियों को अब लैपटॉप की जगह टेबलेट देने का फैसला लिया है। शुक्रवार को बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि अब किसी भी सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी टाट पर नहीं बैठेंगे। जरूरत वाले स्कूलों में 40,000 डेस्क दिए जाएंगे।
विधानसभा चुनाव के दौरान दी गई गारंटी को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी गवर्नमेंट मॉडल डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का एलान किया। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में प्री प्राइमरी से बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा सुविधा के साथ सभी प्रकार की इंडोर एवं आउटडोर खेल सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
जहां पानी की समुचित उपलब्धता होगी, वहां स्वीमिंग पूल का भी प्रावधान किया जाएगा। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए सरकार चरणबद्ध योजना के तहत 300 करोड़ रुपये व्यय करेगी। युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सुविधा देने को ब्लॉक स्तर पर नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की पहुंच तथा आवश्यक पुस्तकों सहित पुस्तकालयों का भी निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। 762 स्कूलों में कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उपलब्ध करवाए जाएंगे। सभी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में पुस्तकालय बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही आए सर्वे दर्शाते हैं कि कोविड के दौरान विद्यार्थियों की सीखने, पढ़ने और लिखने की क्षमता में गिरावट आई है। सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में शिक्षा विभाग के लिए 8,828 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया।
विद्यार्थियों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार ने खेल छात्रावासों में रहने वाले खिलाड़ियों की डाइट मनी दोगुनी कर दी है। इन खिलाड़ियों को अब प्रतिदिन 120 रुपये की जगह 240 रुपये मिलेंगे। कॉलेजों में साल में दो बार रोजगार मेलों का होगा आयोजनयुवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश के कॉलेजों में वर्ष में दो बार रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा। स्पेशल प्लेसमेंट ड्राइव का भी आयोजन किया जाएगा। स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा के विस्तार का फैसला भी लिया गया। शिक्षण संस्थानों में पाठ्यक्रम की समीक्षा की जाएगी। रोजगार आधारित नवीनतम कोर्स भी शुरू किए जाएंगे।