International Conclave on use of Advance Technologies in Disaster Management कार्यशाला कल, सीएम होंगे मुख्य अतिथि
देहरादून। मंगलवार को “International Conclave on use of Advance Technologies in Disaster Management विषयक कार्यशाला का आयोजन उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा फेयरफील्ड बाय मैरिएट देहरादून में किया जा रहा है। इस अन्तराष्ट्रीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में मा० मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं विशेष अतिथि के रूप में केबिनेट मंत्री गणेश जोशी और मुख्य सचिव डा एस०एस०सन्धू सचिव आपदा प्रबन्धन अपर सचिव, आपदा प्रबन्धन के आलावा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न विशेषज्ञों तथा प्रौद्योगिकी के विकासकर्ताओं द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा ।
वित्त नियंत्रक तंजीम अली (यू०एस०डी० एम०) ने बताया कि इस अन्तराष्ट्रीय कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में प्राकृतिक खतरों से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान किये जाने के लिये एक सशक्त तंत्र को विकसित करना है। यह कार्यशाला आपदा प्रबंधन में नवीनतम् अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों पर चर्चा करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक मंद पर लेकर आयेगा तथा समाधान प्रदाताओं और एजेंसियों को अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक दिशा का निर्धारण करेगा इस आयोजन से जागरूकता बढ़ने Best Practices की पहचान करने और सहयोग और साझेदारी के अवसर मिलने की सम्भावनाओं को बढ़ाने में सहायता प्राप्त होगी। इस कार्यक्रम का अन्य महत्त्वपूर्ण एजेंडा आपदा के समय त्वरित निर्णय लेने, प्रभावित क्षेत्र से तुरंत जुड़ने और तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों और उपायों के उपयोग के अत्याधुनिक तरीकों का पता लगाना भी है। कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले विशेषज्ञों तथा प्रौद्योगिकी के विकासकर्ताओं द्वारा विभिन्न विषयों पर दिये जाने वाले व्याख्यानों की सूची संलग्न है।
अत्यधिक संवेदनशील है हिमालय
हिमालयी क्षेत्र नवीनतम पर्वत श्रृंखला है, जो कि भूगर्भीय गतिविधियों तथा जलवायु परिवर्तन के कारण विभिन्न प्राकृ तिक आपदाओं जैसे भूकंप भू-स्खलन, हिमनदों के फटने (GLOF) बादल फटने हिमस्खलन, त्वरित बढ़, मलबे के प्रवाह और चनाग्नि आदि के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। उत्तराखण्ड राज्य की आपदा के प्रति संवेदनशीलता के दृष्टिगत् आपदाओं से सम्भावित क्षतियों को न्यून करने एवं उनकी पुनर्प्राप्ति के सम्बन्ध में योजना समन्वय निगरानी समीक्षा और विभिन्न गतिविधियों को क्रियान्वित करने हेतु उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण का गठन किया गया है।