उत्तराखंड

प्रदेशभर में गर्मियां बढ़ने के साथ ही बढ़ने लगी बिजली की किल्लत, रोजाना दो- दो घंटों तक गुल हो रही बिजली

देहरादून। प्रदेश में गर्मियां बढ़ने के साथ ही बिजली की किल्लत भी बढ़ने लगी है। यूपीसीएल को रोजाना बाजार से आठ से नौ मिलियन यूनिट (80-90 लाख यूनिट) खरीदनी पड़ रही है। किल्लत बढ़ने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में औसत दो घंटे और फर्नेश इंडस्ट्री में औसत तीन घंटे की कटौती शुरू हो गई है। प्रदेश में गर्मियां बढ़ने के साथ बिजली की मांग 44 मिलियन यूनिट के करीब पहुंच गई है। इसके सापेक्ष यूपीसीएल के पास राज्य पूल की करीब आठ मिलियन यूनिट, सोलर की 0.75 मिलियन यूनिट, केंद्रीय पूल की करीब 12 से 13 मिलियन यूनिट और केंद्र सरकार के गैर आवंटित कोटे की पांच से छह मिलियन यूनिट बिजली मिल रही है।

यूपीसीएल ने शॉर्ट टर्म टेंडर से दो मिलियन यूनिट बिजली खरीदी हुई है। कुल मिलाकर 35 से 37 मिलियन यूनिट बिजली रोजाना उपलब्ध हो रही है। नतीजतन बिजली किल्लत बढ़ने से कटौती शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक, यूपीसीएल अब ग्रामीण क्षेत्रों में रोजाना औसत दो घंटे और फर्नेश उद्योगों में रोजाना करीब तीन घंटे की कटौती कर रहा है। अगर हालात न संभले तो यह कटौती शहरों तक आ सकती है। प्रदेश में इस साल बारिश और बर्फबारी न होने की वजह से भी नदियों का जल स्तर गिर गया है, जिससे यूजेवीएनएल का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आमतौर पर इन दिनों उन्हें यूजेवीएनएल से करीब 5.7 मिलियन यूनिट कम बिजली मिल पा रही है।

बिजली की मांग बढ़ने के साथ ही इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में इसकी कीमतों भी 10 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच रही हैं। यूपीसीएल प्रबंधन के मुताबिक, दिन के समय चार से पांच रुपये और शाम को छह बजे से रात दस बजे के बीच आठ से 10 रुपये प्रति यूनिट के दामों पर भी बिजली खरीदनी पड़ रही है। यूपीसीएल करीब 0.75 मिलियन यूनिट बिजली सौर ऊर्जा प्रोजेक्टों से ले रहा है। इसमें सबसे बड़ी दिक्कत ये आ रही है कि दिन में तो बिजली चार रुपये दाम तक भी उपलब्ध होती है लेकिन शाम छह बजे से सुबह तक उपलब्ध नहीं होती। इसी वजह से शाम को छह से दस के बीच ज्यादा लोड पड़ रहा है।

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