उत्तराखंड

लगातार मूवमेंट के बावजूद वन विभाग की टीम बाघ पकड़ने में नाकाम, ग्रामीणों में भय के साथ विभाग के प्रति नाराजगी

पौड़ी। रिखणीखाल क्षेत्र के बाघ प्रभावित गांवों डल्ला, जुई पापड़ी में बाघ की लगातार मूवमेंट के बावजूद वन विभाग के ट्रैंकुलाइज दल द्वारा बाघ को ट्रैंकुलाइज करने में नाकामी ही हाथ लगी है। जिससे स्थानीय क्षेत्र वासियों में रोष है। बीते दिनों पूर्व रिखणीखाल के डल्ला गांव व दो दिन बाद नैनीडांडा के सिमरी तल्ली भैड़गांव में बाघ ने एक एक व्यक्ति को मार दिया था। इसके बाद डीएम पौड़ी व वन विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र में पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वस्त किया था कि समस्या का समाधान जल्दी ही कर लिया जाएगा, लेकिन हफ्ते भर बाद भी बाघ पकड़ में नहीं आ सका। धरातल पर स्थिति और अधिक विकट होती जा रही है।

ट्रैंकुलाइज करने के लिए लगी टीम ट्रैंकलाइज करने में असफल रही है। लगातार क्षेत्र में बाघ दिखाई देने के बावजूद तैनात की गई टीम कुछ नहीं कर पा रही है। इससे ग्रामीणों में भय के साथ ही विभाग व शासन प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। नैनीडांडा क्षेत्र के लोगों में भी लगातार बाघ की दहशत बनी हुई है। वन विभाग की सुस्त कार्य प्रणाली व बाघ को पकड़ने में असफलता से लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ को पकड़ने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित विशेषज्ञ टीम की तैनाती की जाए। साथ ही बाघ को नरभक्षी घोषित कर मारने के आदेश दिए जाएं। यदि शीघ्र ही बाघों से क्षेत्र के लोगों को छुटकारा नहीं मिला तो फिर लोगों को आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

भाजपा जिला महिला मोर्चा की सदस्य व क्षेपंस बिनीता ध्यानी का कहना है कि प्रभावित क्षेत्र के तैड़िया पाण्ड से लेकर डाबरू, चपडेत, अमडंडा, मुंडियाणा तक लगभग चार दर्जन गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइटें या बिजली के बल्ब लगवाने हेतु यूपीसीएल व पिटकुल के प्रबंध निदेशक को दूरभाष पर बात करके व पत्र लिखकर निवेदन किया है।

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