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इंटरमीडिएट की परीक्षा में फेल होने से परेशान आंध्र प्रदेश के नौ छात्रों ने की आत्महत्या

आंध्र प्रदेश। नौ छात्रों ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में असफल होने के बाद अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष (कक्षा 11 और 12) के परिणाम घोषित किए गए। अब तक नौ छात्रों की आत्महत्या से मौत हो चुकी है। दो अन्य छात्रों ने आत्महत्या का प्रयास किया। श्रीकाकुलम जिले के टेककली के पास बी. तरुण (17) ने चलती ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी।

जिले के दांदू गोपालपुरम गांव की रहने वाली इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष की छात्रा फेल होने से मायूस थी। विशाखापत्तनम जिले के मल्कापुरम पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत त्रिनादपुरम में 16 वर्षीय लडक़ी ने अपने घर में फांसी लगा ली। ए. अखिलश्री इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष के कुछ विषयों में फेल होने के बाद परेशान थी।

बी. जगदीश (18) ने विशाखापत्तनम के कंचारपालेम इलाके में अपने आवास पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। वह इंटरमीडिएट के दूसरे वर्ष में एक विषय में फेल हो गया था। इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष की परीक्षा में एक विषय में फेल होने से निराश अनुषा (17) ने चित्तूर जिले में एक झील में कूदकर आत्महत्या कर ली।

चित्तौड़ जिले के ही बाबू (17) ने इंटरमीडिएट द्वितीय वर्ष में असफल होने के बाद कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली। टी. किरण (17) ने अनकापल्ली में अपने आवास पर फांसी लगा ली, क्योंकि वह इंटरमीडिएट के प्रथम वर्ष में कम अंक हासिल करने से निराश था। प्रथम वर्ष का उत्तीर्ण प्रतिशत 61 और द्वितीय वर्ष का 72 रहा। मार्च-अप्रैल में आयोजित परीक्षा में 10 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए थे। पुलिस और मनोवैज्ञानिकों ने छात्रों से अपील की है कि वे चरम कदम उठाने से बचें, क्योंकि उनके आगे पूरा जीवन है और वे असफलता को सफलता में बदल सकते हैं।

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