उत्तराखंड

विधि-विधान के साथ खोले गए हेमकुंड साहिब के कपाट, 1800 श्रद्धालुओं इस पावन अवसर के बने साक्षी

जोशीमठ। सिखों के पवित्रधाम हेमकुंड साहिब के कपाट आज शनिवार को विधि-विधान के साथ खोल दिए गए हैं। शुक्रवार सुबह पंज प्यारों की अगुवाई में पवित्र निशान के साथ गोविंदघाट गुरुद्वारे से 1800 श्रद्धालुओं का पहला जत्था घांघरिया रवाना हुआ था और शनिवार सुबह कपाट खोलने के पावन अवसर के साक्षी बने। हेमकुंड साहिब की यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह बना है। शुक्रवार सुबह आठ बजे गोविंदघाट गुरुद्वारे में पंजाब से आए मोगा सतनाम पूर्व फौजियों के बैंड बाजों की धुन के साथ पंज प्यारों की अगुवाई में पहला जत्था घांघरिया के लिए रवाना हुआ। हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने पंज प्यारों को पवित्र निशान सरोपा भेंट कर रवाना किया। उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह दस बजे हेमकुंड साहिब के कपाट खोल दिए गए।

बताया कि यात्रा मार्ग पर भारी बर्फ होने के कारण इस बार यात्रा में 60 साल से अधिक आयु के श्रद्धालु और बच्चों को आने की अनुमति नहीं है। एक दिन में हेमकुंड साहिब जाने के लिए सिर्फ ढाई हजार यात्रियों को ही अनुमति दी जाएगी। इस दौरान बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह, डेकन के प्रभारी ब्रिगेडियर देवेंद्र सिंह, 418 इंजीनियर कोर के कर्नल सुनील यादव आदि मौजूद रहे। वहीं जत्थेदारों में दिल्ली से आए देवेंद्र कोर का जत्था, पंजाब के गुरदासपुर से बलजींदर का जत्था, रोपण से जगदीप सिंह के जत्थे के अलावा पंजाब रोडवेज के कर्मचारी आदि मौजूद रहे। हेमकुंड साहिब के यात्रा पड़ाव गोविंदघाट, पुलना, घांघरिया में दुकानें खुल गई हैं। यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु गोविंदघाट से जरूरी सामान खरीदकर यात्रा के लिए प्रस्थान कर रहे हैं।

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