उत्तराखंड

राजस्व प्राप्ति के सम्बंध में अधिकारियों की बैठक लेते हुए सीएम धामी ने दिए ये निर्देश

देहरादून। विभागों को राजस्व प्राप्तियों के लिए प्रत्येक माह का जो लक्ष्य मिला है, सभी विभाग उस लक्ष्य को हासिल करें, तभी राजस्व प्राप्ति का वार्षिक लक्ष्य हासिल कर पायेंगे। राजस्व लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभागों को ऑनलाईन सिस्टम पर और अधिक कार्य करने की जरूरत है। जीएसटी से राजस्व प्राप्तियां और बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए लोगों को बिल लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए और व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में राजस्व प्राप्ति के सम्बंध में बैठक लेते हुए अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किये जाएं। विभागों को इसके लिए आधुनिक तकनीक के माध्यम से पारदर्शिता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजस्व वृद्धि के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। जिन क्षेत्रों में अपेक्षा के अनुरूप राजस्व की प्राप्ति नहीं हो पा रही है, इसके कारणों का गहनता से अध्ययन कर उसका उचित समाधान निकाला जाए। पूंजीगत व्यय पर विशेष ध्यान दिया जाए। विभागों को विभिन्न क्षेत्रों में जो पिछले सालों की रिकवरी करनी है, इस दिशा में ध्यान दिया जाए। खनन के क्षेत्र में राजस्व वसूली के लिए मजबूत ऑनलाईन सिस्टम बनाया जाए। वन क्षेत्रान्तर्गत के बरसाती नालों को चिन्हित कर चैनलाईज करने की दिशा में ध्यान दिया जाए। वन सम्पदाओं के बेहतर उपयोग की दिशा में वन विभाग को और सुनियोजित तरीके से कार्य करने की जरूरत है। वन सम्पदा के बेहतर उपयोग के लिए क्या नवाचार हो सकते हैं, इस दिशा में कार्य किये जाएं। वन पंचायतों के माध्यम से मेडिसिनल प्लांट के क्षेत्र में कार्य किये जाएं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में यूपीसीएल एवं यूजेवीएनल को राजस्व बढ़ाने की जरूरत है। बिजली चोरी को पूर्णतया रोकने के लिए कारगर प्रयासों की जरूरत हैं। इसके लिए सूचना आधारित प्रणाली और विकसित करने पर ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति की समीक्षा हर माह की जायेगी।

बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, एच.सी. सेमवाल, विनोद रतूड़ी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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