दिल्ली में यमुना फिर खतरे के निशान से ऊपर, अलर्ट पर गुजरात- महाराष्ट्र
गांधीनगर। गुजरात में राज्य सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश के कारण हुई तबाही के कारण पोरबंदर और कच्छ से गुजरने वाले दो राष्ट्रीय राजमार्गों और 10 राज्य राजमार्गों को बंद कर दिया। गुजरात राहत आयुक्त आलोक पांडे ने एक बयान में कहा है कि अब तक, कुल 736 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और लगभग 358 लोगों को बचाया गया है। कुल मिलाकर 302 सडक़ें बंद हो गईं, जिनमें 271 पंचायत सडक़ें शामिल हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने शनिवार देर रात गांधीनगर में राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र में एक समीक्षा बैठक की, जहां उन्होंने व्यक्तिगत रूप से स्थिति की समीक्षा करने के लिए जूनागढ़ पहुंचने के प्रयासों के व्यर्थ साबित होने के बाद जिला प्रमुखों के साथ बातचीत की।
भारी बारिश से प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की कुल नौ टीमें तैनात की गई हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दो-दो टीमें जूनागढ़ में बचाव और राहत अभियान चला रही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, कल दोपहर तक गिर-सोमनाथ, जूनागढ़, कच्छ, पोरबंदर और दक्षिण गुजरात के वलसाड, नवसारी में भारी बारिश की संभावना है। आयुक्त ने लोगों से अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने और घर पर रहने का आग्रह किया है। इसके अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र का भी बूरा हाल है, जहां मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। वहीं यमुना के बढ़ते जलस्तर ने एक बार फिर दिल्लीवालों की टेंशन बढ़ा दी है।
मौसम विभाग ने अहमदाबाद सहित सौराष्ट्र, दक्षिण और मध्य गुजरात में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। यहां कई इलाकों के लिए रेड तो कई में ऑरेंट अलर्ट जारी किया गया है। महाराष्ट्र के कई शहरों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं दिल्ली में यमुना नदी एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर गई है। सुबह 7:00 बजे यमुना का जलस्तर 205.81 मीटर दर्ज हुआ। यमुना का जलस्तर आज शाम 206.7 मीटर तक पहुंचने का अनुमान है। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से कल बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया, जिसके बाद आज यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है।
दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने शनिवार को कहा कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ के खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है। मंत्री ने एक बयान में कहा, यदि नदी के जलस्तर में 206.7 मीटर तक की वृद्धि होती है, तो यमुना खादर (बाढ़ के मैदान) के कुछ हिस्से जलमग्न हो सकते हैं, लेकिन सरकार वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिये तैयार है।