उत्तराखंड

दुर्गम क्षेत्रों में मतदान केंद्रों पर ड्रोन से रखी जाएगी निगरानी

लॉ एंड आर्डर संबंधी समस्या का हो सकेगा तत्काल निराकरण

देहरादून। लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 में अत्यंत दुर्गम क्षेत्रों में स्थित मतदान केंद्रों व आसपास के क्षेत्रों पर निगरानी रखने के लिए उत्तराखंड पुलिस ड्रोन द्वारा निगरानी रखेगी। उत्तराखंड में विषम भौगोलिक स्थितियों की वजह से अनेक ऐसे स्थान हैं जहां पर सी.सी.टी.वी कैमरा लगाया जाना सम्भव नहीं हैं एवं जहां सर्विलांस एवं फोटो/वीडियोग्राफी अत्यंत मुश्किल कार्य है। अत्यंत दुर्गम क्षेत्रों में स्थित मतदान केंद्रों के साथ ही आस-पास के ऐसे मतदान केंद्र जहां पर सी.सी.टी.वी कैमरा स्थापित नहीं किए जा सकते हैं, ऐसी सड़क गलियाँ अथवा रिहायशी कॉलोनी जहाँ सी.सी.टी.वी कैमरा नहीं लगाए जा सकते हैं वहाँ पर ड्रोन द्वारा निगरानी रखने हेतु नियोजित प्रक्रिया अपनाई गई।

उत्तराखंड पुलिस द्वारा एक अस्थाई कंट्रोल रूम केवल ड्रोन द्वारा भेजी गई तस्वीरों का अवलोकन करने हेतु स्थापित किया गया। ड्रोन द्वारा भेजी गयी तस्वीरों एवं वीडियों का निरीक्षण/ परीक्षण करते हुए संदिग्ध व्यक्ति, संदिग्ध वस्तु एवं संदिग्ध क्रियाकलापों की सूचना तत्काल पुलिस हेड क्वार्टर में स्थित चुनाव परिचालन केंद्र को भेजे जाएंगे। चुनाव परिचालन केंद्र द्वारा उक्त के अनुसार संदिग्ध व्यक्ति, वस्तु, स्थान घटना की सूचना संबंधित पुलिस अधिकारी को प्रेषित की जाएगी। जिसके तत्काल बाद बिना कोई समय गवाए उक्त व्यक्ति वस्तु स्थान की तलाशी करते हुए एक प्रारम्भिक सूक्ष्म जाँच की जाएगी। जिसके परिणाम स्वरूप भविष्य में होने वाली लॉ एंड आर्डर संबंधी समस्या का तत्काल निराकरण संपादित होगा।

ड्रोन द्वारा निगरानी का फ्लोचार्ट 

ड्रोन ऑपरेटर द्वारा ड्रोन द्वारा खींचे गए फोटो/वीडियो का अस्थाई कंट्रोल रूम में अवलोकन किया जाएगा। संदिग्ध वस्तु, व्यक्ति, स्थान, घटना को लोकेट किया जाएगा। इसके उपरांत चुनाव परिचालन केंद्र को इससे संबंधी सूचना भेजी जाएगी। संबंधित ड्यूटीरत पुलिस अधिकारी को सूचना भेजी जाएगी, इसके उपरांत संबंधित पुलिस अधिकारी द्वारा सूक्ष्म जाँच करते हुए समुचित कार्रवाई की जाएगी।

राज्य में कुल 65 हजार 160 वृद्ध मतदाता

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। राज्य में कुल 65 हजार 160 वृद्ध मतदाता हैं। जिनकी आयु 85 साल से अधिक है। वृद्ध मतदाओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से घर से ही वोट करने की सुविधा का निर्णय निर्वाचन आयोग ने लिया था। राज्य में अभी तक 09 हजार 993 वृद्ध मतदाताओं के आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन सभी वृद्ध मतदाताओं को घर पर ही पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।

राज्य में 80 हजार 335 दिव्यांग मतदाता चिन्हित किये गये हैं। दिव्यांग मतदाताओं के 02 हजार 899 ऐसे आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो वैध हैं, जिन पर घर में जाकर मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। सभी एआरओ के माध्यम से इन मतदाताओं तक पहुंचने के लिए रूट प्लान तैयार किया गया है। वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर पर जाकर मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 08 से 10 अप्रैल 2024 तक प्रथम चरण का मतदान करने का निर्णय लिया गया था, कुछ जनपदों द्वारा अपनी सुविधा के अनुरूप परिवर्तन करने के लिए छूट दी गई थी।

कुछ जनपदों ने वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं को 05 एवं 06 अप्रैल 2024 से घर पर जाकर मतदान करवाने का निर्णय लिया है। वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं को घर में जाकर मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए द्वितीय चरण 10 से 13 अप्रैल 2024 के बीच में किया जायेगा। इसकी सूचना अखबार और टेलीविजन के माध्यम से दी जायेगी। प्रत्याशियों के साथ बैठक करते हुए उन तक रूट चार्ट, मतदान की तिथियां और वृद्ध एवं दिव्यांग मतदाताओं की वैध सूची तैयार करते हुए प्रत्याशियों को उपलब्ध करा दिया गया है।

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि 2022 में विधानसभा निर्वाचन में राज्य में 13 हजार 732 वृद्ध मतदाताओं और 2162 दिव्यांग मतदाताओं ने घर पर मतदान की सुविधा का प्रयोग किया था। निर्वाचन आयोग के द्वारा सक्षम एप का प्रयोग दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिये किया जा रहा है। राज्य में 33 हजार 111 दिव्यांग मतदाताओं ने सक्षम एप को डाउनलोड किया है। इस एप के माध्यम में दिव्यांग मतदाता अपनी आवश्यकताओं के बारे में सहायता मांग सकते हैं।

सक्षम एप के माध्यम से अभी तक 1537 मतदाताओं ने व्हील चेयर, 2221 मतदाताओं ने डोली और 10 हजार 839 मतदाताओं ने स्वयंसेवकों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया है। दिव्यांग मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में 70 विधानसभाओं में मॉडल पी.डब्ल्यू.डी पोलिंग बूथ बनाने का निर्णय लिया गया है। ये पोलिंग बूथ ऐसी जगह स्थापित किये जायेंगे, जहां पर एश्योर्ड मिनिमम फैसिलिटी उपलब्ध हो। इन बूथों में सभी कार्मिक दिव्यांग श्रेणी के हैं, उनके लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों के स्तर पर पर्याप्त प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। उनकी सहायता के लिए वाहन व्यवस्था और रहने के लिये उचित व्यवस्था के निर्देश दिये गये हैं।

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि मतदान के लिए यदि किसी व्यक्ति के पास एपिक कार्ड नहीं है तो ऐसे व्यक्तियों के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 12 अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों के बारे में अधिसूचना के माध्यम से निर्देश जारी किये गये हैं। इसमें आधार कार्ड, बैंकों/डाकघरों जारी फोटोयुक्त पासबुक, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, एनपीआर कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र और भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड का प्रयोग कर सकते हैं।

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