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लग्जरी कार के सेफ्टी फीचर्स भी बन रहे हैं जान के दुश्मन, बरतें एहतियात

नोएडा। कहते हैं कि आप जितनी महंगी कार लेंगे आपको उतनी ही लग्जरी और सेफ्टी फीचर्स मिलते हैं, जिसके चलते अगर आपकी गाड़ी का एक्सीडेंट भी होता है तो आप बच जाएंगे। लेकिन बीते दिनों हो रही घटनाओं ने महंगी और लग्जरी कार रखने वालों को परेशान कर दिया है। इन हादसों का शिकार होने वाले लोग इन महंगी लग्जरी गाडिय़ों के सेफ्टी फीचर्स के चक्कर में ही नुकसान उठा रहे हैं। बीते दिनों दिल्ली एनसीआर में लग्जरी कार मर्सिडीज में चलने वालों के साथ कई घटनाएं सामने आई।

हाल ही में आई एक घटना ने लोगों को दहला कर रख दिया है। इस घटना के मुताबिक एक सीनियर मैनेजर की मर्सिडीज कार में आग लगने के चलते सारे दरवाजे ऑटो लॉक हो गए और वह बाहर नहीं निकल पाया और उनकी मौत हो गई। 31 जनवरी की देर रात में नोएडा के सेक्टर 93 स्थित एल्डिको चौराहे के पास तेज रफ्तार मर्सिडीज कार डिवाइडर पर चढक़र पेड़ से टकरा गई। टक्कर के तुरंत बाद कार में आग लग गई। हादसे में कार चला रहे निजी कंपनी के सीनियर मैनेजर की जलकर मौत हो गई। आग लगने के बाद कार ऑटोमेटिक लॉक हो गई थी। जिसके बाद वह बाहर नहीं निकल पाए।

दर्दनाक हादसे के बाद देर रात को मौके पर पहुंची पुलिस ने कार काट कर शव को बाहर निकाला। सेंट्रल नोएडा के एडीसीपी विशाल पांडे ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रोहिणी, नई दिल्ली निवासी अनुज सहरावत जेसीबी और ट्रैक्टर बनाने वाली फरीदाबाद की एक्शन कंस्ट्रक्शन इच्पिमेंट लिमिटेड कंपनी में सीनियर मैनेजर थे। नोएडा के सेक्टर 168 में भी उनका घर है। मंगलवार देर आपको वह अपनी मर्सिडीज कार से दिल्ली से नोएडा स्थित अपने घर आ रहे थे।

डिवाइडर पर चढक़र पेड़ से टकराने के बाद मर्सिडीज में आग लग गई और कार अंदर से ऑटोमेटिक लॉक हो गई। कार लॉक होने की वजह से ही अनुज सहरावत की जान चली गई। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को बताया कि अनुज करीब 15 मिनट तक कार से निकलने का प्रयास करते रहे। तेज आग की लपटों के बीच लॉक कार से वो निकल नहीं सके। आसपास मौजूद लोग भी उनकी मदद नहीं कर पाए। पुलिस के मुताबिक मर्सिडीज कार आग का गोला बन गई थी, आग बुझाने के बाद कटर से काटकर शव बाहर निकाला गया इसमें करीब 1 घंटे से अधिक का वक्त लगा।

मर्सिडीज जैसी प्रीमियम कारों में आग लगने की घटनाएं हैरान करने वाली है। जानकार बताते हैं कि यह कार कई शानदार सेफ्टी फीचर्स के साथ आती है। हालांकि इस तरह की कारों में प्लास्टिक, फोम, बिजली के तारों और फैब्रिक का इस्तेमाल होता है। तेज टक्कर के बाद ईंधन लीक होने की संभावना हमेशा बनी रहती है। अत्यधिक गर्मी के कारण इंजन या बैटरी में आग लगने का खतरा होता है। दुर्घटना किसी भी समय किसी भी परिस्थिति में हो सकती है। ऐसी स्थिति में कुछ ऐसे कदम उठाए जा सके जो किसी की मौत या चोट की संभावना को कम कर सकते हैं।

ऐसी स्थिति में फंसे व्यक्ति जलती हुई गाड़ी से बाहर निकलना और खुद को सुरक्षित बचाना यह प्राथमिकता होनी चाहिए। जलती हुई कार के अंदर फंसे होने की स्थिति में खुद को बाहर निकालने के लिए खुली हुई खिडक़ी को तोडऩे के लिए किसी नुकीली चीज का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। नोएडा पुलिस के एडीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि पहले तो एक्सीडेंट होने की 2 वजहें होती हैं। एक होता है ओवरस्पीड और दूसरा होता है नशा। किसी भी गाड़ी में सेफ्टी फीचर होना चलाने वाले को बचाने के लिए काफी नहीं होता है।

अगर गाड़ी बहुत ज्यादा स्पीड में है और चालक ने नशा कर रखा है तो कहीं ना कहीं उसके लिए यह खतरनाक हो सकता है। उन्होंने बताया कि कार कोई भी हो, चाहे लग्जरी या छोटी, लेकिन अगर वह अपनी तय स्पीड लिमिट से ज्यादा तेज चल रही है तो उसमें मौजूद सेफ्टी फीचर्स भी बहुत ज्यादा काम नहीं आ पाएंगे। इसीलिए हर कार को उसकी तय लिमिट और स्पीड के हिसाब से चलाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि नशा कर गाड़ी को चलाते वक्त हम अपने होश में नहीं होते हैं। इसीलिए अगर गाड़ी का एक्सीडेंट भी होता है तो कहीं ना कहीं हम पहले ही अनकांशस हो जाते हैं जिसका खामियाजा चलाने वाले को भुगतना पड़ता है।

अक्सर देखने को मिलता है कि लोग अपनी गाडिय़ों की सर्विसिंग या कोई भी खराबी संबंधित वाहन के ऑथराइज डीलर के पास ठीक कराने की जगह लोकल लेवल के मैकेनिक से ठीक करा लेते हैं। ऐसे में कई बार लोकल मैकेनिक सर्विसिंग या अन्य काम करते वक्त कुछ ऐसी गलतियां कर देता है जो आग लगने का बड़ा कारण बन जाती है।
एक दूसरा बड़ा कारण यह भी होता है कि कई बार तापमान बढऩे के कारण गाडिय़ों में लगे छोटे-छोटे तार गर्म कर आपस में चिपक जाते हैं और उनके ऊपर लगी रबड़ गर्म होने के बाद इसे पार कर सकती है तो अक्सर सर्विस के समय इन्हें जरूर चेक कराएं और कोशिश करें कि लग्जरी गाडिय़ों को उनके शोरूम में ही ठीक करवाएं।

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