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योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार 2.0 के दूसरे बजट में 32 हजार 721 करोड़ की नई योजनाएं…यहां पढ़ें बड़े एलान

लखनऊ । योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट कुल 690242.43 करोड़ का बजट पेश किया। बजट पेश करने से पहले सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने कहा क‍ि, ‘आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में आज प्रस्तुत होने जा रहा ‘नए उत्तर प्रदेश’ का बजट राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में नए स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा। निःसंदेह, यह बजट आदरणीय प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं समेत समाज के हर तबके के हितों की पूर्ति करने वाला होगा।’

● मां विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय व माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के ल‍िए 50-50 करोड़
प्रदेश में उच्च शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वर्तमान में 19 राज्य विश्वविद्यालय, 01 मुक्त विश्वविद्यालय, 01 डीम्ड विश्वविद्यालय 30 निजी विश्वविद्यालय, 172 राजकीय महाविद्यालय, 331 सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय एवं 7372 स्ववित्त पोषित महाविद्यालय संचालित हैं।

● नैक रैंकिंग में लखनऊ एवं गोरखपुर विश्वविद्यालयों को ए-डबल प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार के० जी०एम०यू० को भी नैक रैंकिंग में ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।

● मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को ए श्रेणी प्राप्त हुई है। भारत में प्रथम बार किसी कृषि विश्वविद्यालय को नैक रैंकिंग प्रदान हुई है और यह श्रेय प्रदेश के कानपुर कृषि विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में से एमिटी विश्वविद्यालय को ए-श्रेणी तथा शारदा विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय एवं जी.एल.ए. विश्वविद्यालय को ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।

● प्रदेश में प्रथम बार 11 विश्वविद्यालयों द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग की तैयारी कर सहभाग लिया है। चार विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय रैंकिंग हेतु क्यू.आई.एस. रैंकिंग में भाग ले रहे हैं। विन्ध्याचल धाम मण्डल में मां विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● देवीपाटन मण्डल में मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● मुरादाबाद मण्डल में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 201 राजकीय संस्थायें एवं 19 अनुदानित संस्थायें अर्थात 220 संस्थायें स्वीकृत हैं जिनमें से 168 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

● 52 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन / अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें निकट भविष्य में पी०पी०पी० मोड पर संचालित किया जाना है।

● वर्तमान में 1372 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र / छात्राओं को प्रवेश दिया जा रहा है।

● वर्तमानतः राजकीय अनुदानित एवं निजी क्षेत्र की समस्त संस्थाओं को सम्मिलित करते हुये कुल प्रवेश क्षमता 223779 है। छात्र / छात्राओं को अधिक रोजगार तथा इमर्जिंग टेक्नोलाजी आधारित उद्योग हेतु मैनपावर उपलब्ध कराने के दृष्टिगत सत्र 2022-23 से New Age Course के अन्तर्गत 04 पाठ्यक्रम यथा डाटा साइंस एवं मशीन लर्निंग, इण्टरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सेक्यूरिटी एवं ड्रोन टेक्नोलाजी में शिक्षण प्रशिक्षण 21 राजकीय पालीटेक्निकों में प्रारम्भ किया गया है, जिसमें प्रवेश क्षमता 1575 है।

● राजकीय पॉलीटेक्निकों की स्थापना एवं अवस्थापना विकास हेतु क्रमश: 50 करोड़ रूपये एवं 33 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, गोण्डा, बस्ती, प्रतापगढ़ तथा मीरजापुर में कक्षाओं के संचालन हेतु 1.50-1.50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्राविधिक शिक्षा विद्यालयों/ अभियंत्रण संस्थाओं में पूर्व से निर्मित भवनों के जीर्णोद्वार एवं अनुरक्षण हेतु 2 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश में 305 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें विभिन्न व्यवसायों की 1,72,872 सीटें उपलब्ध हैं।

● प्रदेश के विभिन्न राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से 47 में महिलाओं के प्रशिक्षण हेतु महिला शाखा संचालित कराई जा रही है। सम्पूर्ण प्रदेश में महिलाओं हेतु 12 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्वतन्त्र रूप से संचालित हो रहे हैं।

● सम्पूर्ण प्रदेश में 2963 से अधिक निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें 4.58 लाख से अधिक सीटें युवाओं के प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध हैं।

● टाटा टेक्नोलॉजीज लि० की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के तकनीकी उन्नयन की योजना के अन्तर्गत आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण कराया जा रहा है।

● परियोजना की लागत 5000 करोड रूपये से अधिक है जिसमें 88 प्रतिशत अंश टाटा टेक्नोलाजी लि० द्वारा तथा 12 प्रतिशत अंश राज्य सरकार द्वारा लगाया जायेगा।

● इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा परियोजना हेतु 10 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में कार्यशाला, प्रशिक्षण कक्ष इत्यादि के निर्माण के लिये 477 करोड़ रूपये का व्यय वहन किया जायेगा।

● वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में परियोजना के लिए 940 करोड़ रूपये की व्यवस्था करायी गयी है। परियोजना के फलस्वरूप प्रतिवर्ष लगभग 30,000 छात्र प्रशिक्षित होंगे।

● कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 150करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना हेतु 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● केन्द्र प्रायोजित स्ट्राइव योजना के अन्तर्गत 29 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उच्चीकरण कराया जायेगा। इस हेतु 35 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के अन्तर्गत पंजीकृत महिला श्रमिक के संस्थागत प्रसव की दशा में निर्धारित तीन माह के न्यूनतम वेतन के समतुल्य धनराशि एवं रूपये 1000 को चिकित्सा बोनस तथा पंजीकृत पुरूष कामगारों की पत्नियों को रूपये 6000 एकमुश्त में दिये जाने का प्रावधान है ।

निर्माण श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा हेतु प्रत्येक राजस्व मण्डल में 1000 बालक / बालिकाओं के लिये कक्षा 06 से कक्षा-12 तक अध्ययन हेतु अटल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन हैं । इन विद्यालयों का संचालन आगामी सत्र 2023 2024 से प्रारम्भ किया जाना है। अवशेष निर्माण कार्य हेतु 63 करोड़ रूपये तथा उपकरण आदि के क्रय हेतु लगभग 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● अधिकतम दो नवजात शिशुओं के पोष्टिक आहार हेतु लड़का पैदा होने पर एकमुश्त रूपये 20,000/- तथा लड़की पैदा होने की स्थिति में रूपये 25,000/- बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिए होगा, भुगतान किया जायेगा।

● जन्म से दिव्यांग बालिकाओं को रूपये 50,000 बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिए होगा, भुगतान किये जाने का प्रावधान है।

● “निर्माण कागमार की मृत्यु विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजना तथा निर्माण कामगार अन्त्येष्टि सहायता योजनाको एकीकृत करते हुये नयी योजना निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना कर दिया गया है।

● दुर्घटना में मृत्यु होने पर रूपये 5 लाख जो 05 वर्ष तक मासिक किश्त के रूप में दिया है, सामान्य मृत्यु पर रूपये 02 लाख 02 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में एवं अन्त्येष्टि हेतु रूपये 25,000 एकमुश्त देय है।

● पूर्ण स्थायी दिव्यांगता पर रूपये 04 लाख 34 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में स्थायी दिव्यांगता 50 प्रतिशत से अधिक एवं 100 प्रतिशत से कम पर रूपये 3 लाख 03 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में स्थायी दिव्यांगता 25 प्रतिशत से अधिक एवं 50 प्रतिशत से कम पर रूपये 02 लाख 02 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में देय है।

● अपंजीकृत श्रमिक की कार्यस्थल पर हुयी दुर्घटना के फलस्वरूप मृत्यु की स्थिति में रूपये 01 लाख एकमुश्त देय है। इस योजना के अन्तर्गत समेकित की गयी समस्त योजनाओं में माह नवम्बर, 2022 तक 37.149 लाभार्थी है तथा लगभग 419 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की गयी है।

● महात्मा गांधी पेंशन योजना में प्रत्येक पात्र निर्माण श्रमिक जो 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर एवं पूर्ववर्ती कम से कम 10 वर्षों तक लगातार लाभार्थी के रूप में सदस्य बना रहता है, को प्रतिमाह रूपये 1000 की दर से पेंशन देय है, जो उसके जीवित रहने तक उसे स्वयं और उसकी मृत्यु के पश्चात् उसकी पत्नी अथवा पति को दिये जाने का प्रावधान है।

● रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण हेतु 175 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जिला सहकारी बैंकों के वित्तीय सुदृढीकरण हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वर्ष 2021-2022 में 7,556.91 करोड़ रूपये का ऋण वितरण किया गया है, जिससे 18.76 लाख कृषकों को लाभान्वित हुये। वर्ष 2022-2023 में दिनांक 30-11-2022 तक 6936.76 करोड़ रूपये का ऋण वितरित कर 15.41 लाख कृषकों को लाभान्वित किया गया ।

● पं0 दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत भारत सरकार के प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना में लाभान्वित लाभार्थियों को ब्याज उपादान की सुविधा 3 वर्षों तक दिये जाने का प्रावधान है। इस योजना हेतु 10 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● खादी एवं ग्रोमोद्योग विकास एवं सत्त स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 13 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जिससे हाथ कागज केन्द्र कालपी – जालौन के पुनरूद्धार, दोना पत्तली मशीन का वितरण, सोलर चर्खा का वितरण कार्य किये जायेंगे ।

● प्रदेश में माटी कला के पराम्परागत कारीगारों को रोजगार से जोड़ने के लिये वित्तीय वर्ष 2023 -2024 में 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं जिससे माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम व जनपद लखनऊ में माटी कला टेराकोटा प्रशिक्षण एवं फैसलिटी सेन्टर की स्थापना कराया जाना प्रस्तावित है।

● अन्नपूर्ति योजना हेतु 21,791 करोड़ 25 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● समस्त अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न का प्रतिमाह निशुल्क वितरण माह दिसम्बर 2022 तक कराया गया।

● उज्जवला योजना के लाभार्थियों को निःशुल्क कुकिंग गैस सिलिण्डर के रीफिल हेतु 3047 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● खाण्डसारी शक्कर योजना हेतु 218 करोड़ 40 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजनान्तर्गत जघन्य हिंसा की शिकार महिलाओं / बालिकाओं को आर्थिक एवं चिकित्सीय सहायता प्रदान की जा रही है।

● वित्तीय वर्ष 2023 2024 हेतु इस योजनान्तर्गत 56 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिये जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं यह योजना प्रदेश के 71 जनपदों में संचालित की जा रही है।

● उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा स्थापित पुष्टाहार उत्पादन इकाईयों एवं नैफेड के माध्यम से “टेक होम राशन” के रूप में 06 माह से 06 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को अनुपूरक पुष्टाहार का वितरण कराया जा रहा है।

● प्रदेश में अनुपूरक पुष्टाहार से लगभग 1 करोड़ 85 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023 2024 के बजट में 291 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिये आयुष्मान भारत के अन्तर्गत स्वास्थ्य बीमा हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। छः वर्ष तक के बच्चों के कुपोषण में कमी लाने, 06 माह से 59 माह तक के बच्चों में एनीमिया के स्तर में कमी लाने, और गर्भवती / छात्री महिलाओं में एनीमिया के स्तर में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पोषण अभियान संचालित है। योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के लिए 455 करोड़ 52 लाख रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं है। प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन विकास के लिये आधारभूत संरचाओं में वृद्धि की गयी है। इससे पर्यटन वृद्धि के राजस्व में वृद्धि होने के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन भी हो रहा है।

● उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में 24 करोड़ 87 लाख से अधिक पर्यटक आए, जिनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या 24 करोड़ 83 लाख एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या 04 लाख 10 हजार से अधिक रही है।

● स्पिरिचुअल सर्किट योजना के अन्तर्गत गोरखपुर- देवीपाटन डुमरियागंज का पर्यटन विकास, स्पिरिचुअल सर्किट योजना के अन्तर्गत जेवर दादरी सिकन्दराबाद नोएडा – खुर्जा बाँदा का समेकित पर्यटन विकास, जनपद मथुरा स्थित गोवर्धन के पर्यटन विकास हेतु स्वीकृत योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

● अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, विन्ध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य कराये जा रहे हैं।

● मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजनान्तगत प्रदेश में स्थित पर्यटन स्थलों का विकास 300 करोड़ रूपये की धनराशि से कराया जा रहा है।

● शक्ति पीठ माँ शाकुम्भरी देवी मन्दिर के समेकित पर्यटन विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रयागराज के समेकित विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● पर्यटन नीति 2018 के अर्न्तर्गत पर्यटन इकाईयों को प्रोत्साहन हेतु 45 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● बौद्ध परिपथ के समेकित पर्यटन विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● बुन्देलखण्ड का समेकित पर्यटन विकास हेतु 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● शुकतीर्थ धाम का समेकित पर्यटन विकास हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश में युवा पर्यटन को बढ़ावा देना हेतु 2 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म, लखनऊ बोर्ड की स्थापना हेतु 2.50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। अन्तराष्ट्रीय / राष्ट्रीय स्तर के मेगा इवेन्ट हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद हेतु 2.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वर्तमान में प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद से सम्बन्धित सामान्य शिक्षा हेतु 2357 राजकीय, 4512 अशासकीय सहायता प्राप्त एवं 21,023 वित्त विहीन कुल 27.892 माध्यमिक विद्यालय तथा संस्कृत शिक्षा के लिये 2 राजकीय, 971 सहायता प्राप्त एवं 267 वित्त विहीन कुल 1240 विद्यालय संचालित है।

● माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से मान्यता प्राप्त अशासकीय सहायता प्राप्त एवं स्ववित्त पोषित विद्यालयों के भवनों के अनुरक्षण / सम्वर्द्धन के लिये विद्यालय की परिसम्पत्तियों का उपयोग करते हुये विद्यालयों की आय बढ़ाने की योजना प्रस्तावित है।

● केन्द्र सरकार की सहायता से पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।

● ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था की गयी है।

● समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु 1003 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु प्रोजेक्ट अलंकार योजनान्तर्गत 500 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● संस्कृत विद्यालयों की परिसम्पत्तियों के सृजन हेतु 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● माध्यमिक विद्यालयों में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिये 10 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● स्ववित्त पोषित विद्यालयों में निर्धारित आय सीमा से कम आय वाले माता-पिता की दूसरी बच्ची की फीस प्रतिपूर्ति हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिक लक्ष्य की प्राप्ति हेतु हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा के अधीन शासकीय / अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है।

● समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।

● शासकीय / अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है।

● समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकारा एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है ।

● केन्द्र सरकार की सहायता से पी०एम० श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 510 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था की गयी है।

● गरीबी रेखा के ऊपर के लगभग 28 लाख छात्र छात्राओं को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा-1 से 08 तक अध्ययनरत लगभग 02 करोड़ छात्र-छात्राओं के उपयोग के लिए मुफ्त स्वेटर और जूते और मोज़े प्रदान करना 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं ।

● कक्षा 01 से 08 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क स्कूल बैग उपलब्ध कराये जाने हेतु 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वनटांगिया गावों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संचालन एवं निर्माण हेतु 11 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को वित्तीय वर्ष 2023-2024 में प्रवेश दिलाये जाने हेतु 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

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